Uttarakhand News: उत्तराखंड वालों को एक बार फिर से बिजली का झटका लगने वाला है. क्योंकि सरकार नए साल में विद्युत दरों में बढ़ोतरी करने जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में बिजली की दरों में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि, यूपीसीएल ने बोर्ड से बिजली की दरों में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास होने के बाद पिटीशन उत्तराखंड नियामक आयोग को भेज दी है. अब आयोग इसका अध्ययन करेगा. उसके बाद अगर आयोग इस बढ़ोतरी को स्वीकार करता है तो आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
बता दें कि विद्युत दरों में बढ़ोतरी के लिए यूपीसीएल को 30 नवंबर तक अपनी पिटीशन फाइल करनी थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के समय के 4300 करोड़ के हिसाब की वजह से ये प्रक्रिया अधर में अटक गई थी. लेकिन निगम की मांग पर नियामक आयोग ने 16 दिसंबर तक और इसके बाद 26 दिसंबर तक इसे भेजने का समय दिया था.
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बोर्ड बैठक में लगी दरों में बढ़ोतरी पर मुहर
गुरुवार को यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली दरों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी को लेकर मुहर लगाई गई. इस आधार पर यूपीसीएल ने नियामक आयोग को अपनी पिटीशन को भेज दिया. अब आयोग के विशेषज्ञ इस पिटीशन का अध्ययन करेंगे. जिसके सभी पहलुओं को समझने के बाद आयोग इस पिटीशन को स्वीकार करेगा. उसके बाद नियामक आयोग जनसुनवाई करेगा.
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अगले साल अप्रैल से लागू होंगी नई दरें
इसके बाद यहां से सुझाव मांगे जाएंगे. आने वाले सुझावों के आधार पर आयोग नई विद्युत दरें तय करेगा, जो अगले साल एक अप्रैल से लागू होंगी. यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के मुताबिक, विद्युत दर संबंधी प्रस्ताव नियामक आयोग को भेज दिया गया है.
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15 फीसदी से ज्यादा महंगी हो सकती है बिजली
बता दें कि यूपीसीएल ने 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. वहीं यूजेवीएनएल ने अपना टैरिफ 2.33 से बढ़ाकर 2.83 रुपये करने और पिटकुल ने भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. अगर इन तीनों निगमों का मिला दें तो कुल बढ़ोतरी 15 प्रतिशत से ऊपर हो रही है. हालांकि नियामक आयोग बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर अंतिम निर्णय लेगा.